मंजिल
रास्ते सी जिंदगी
अनगिनत मोड़
घुमाव लिए
रास्ते में जगह-जगह
मिलती भीड़
यहाँ-वहाँ खड़े
दिखते झुंड
दूर कहीं पड़ाव
या मंजिल
चलना है
तय करना है
आप भीड़ में
शामिल हैं
झुंड का हिस्सा हैं
या चलेंगे अकेले
एक नयी राह बनाते हुए
एक नयी मंजिल
नयी दुनिया की खोज में ।
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- २५/०५/२०१७.