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27 Aug 2021 · 1 min read

मंजिल पर ही निशाना

मंजिल पर ही निशाना (ग़ज़ल)
*** 2222 1222 12 ****
***********************

लाचारी में सहारा चाहिए,
दिल से वादा निभाना चाहिए।

गरमी में तो नहाते हैं सभी,
सरदी में भी नहाना चाहिए।

खुशियों में मुस्कराते हैं सभी,
गम में भी मुस्कराना चाहिए।

मौका मिलता सुहाना ही कभी,
खुश होने का बहाना चाहिए।

मनसीरत फायदा होता नहीं,
मंजिल पर ही निशाना चाहिए।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

229 Views
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