मंजिल तुझमें ही मिलती हैं ।
मेरे आसमान से तेरी धूप खिलती हैं
दिल में तेरी वफा की दुआ पलती हैं
भटकता हैं दिल मगर रुकता तुम पर ही आकर
राहें अनेक मगर मंजिल तुझमें में ही मिलती हैं ।
मेरे आसमान से तेरी धूप खिलती हैं
दिल में तेरी वफा की दुआ पलती हैं
भटकता हैं दिल मगर रुकता तुम पर ही आकर
राहें अनेक मगर मंजिल तुझमें में ही मिलती हैं ।