मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल वो नहीं
जहां प्यार को पाना हो,
मंजिल वो भी है
जहां प्यार नजरों से जुदा न हो ।।
संग रहें न रहें जिंदगी में
पर गम न हो,
वो मुस्कराते रहे जिंदगी में
चाहे हम न हो ।
मंजिल वो नहीं
जहां प्यार को पाना हो,
मंजिल वो भी है
जहां प्यार नजरों से जुदा न हो ।।
संग रहें न रहें जिंदगी में
पर गम न हो,
वो मुस्कराते रहे जिंदगी में
चाहे हम न हो ।