Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2021 · 1 min read

मंज़िल

मैं तो इस सफ़र में
एक पड़ाव सा हूँ ;
अनंत जीवन सफर पर
अपनी मंजिल का
पता ढ़ूढता हूँ!

बहुत कुदेरता हूँ अपने को
परत दर परत,
उभरते
सुनहरे ख्वाब, और
ख्वाबों के हिंडोले!
पर, हर पड़ाव
अनसुलझे प्रश्नों के
अनगिनत प्रश्नचिन्ह
छोड़ जाता है।

अब तो समय भी
उद्देश्यहीन लम्हों के ;
सफर का साथी बन गया है!
आवारा पलों के बेहिसाब
उत्पीड़न, और
बक्री- मार्गों का छलावा ;
मृगमरीचिका सा
सफर को,
और अंतहीन बना देता है।

अक्सर, इस पड़ाव पर
अब पीछे मुड़कर देखता हूँ!
अनंत खड़े प्रश्नचिन्हों के
इतर,
पदचिन्हों की प्रतिध्वनि में;
अपनी मंजिल का
पता पूछता हूँ!

© अनिल कुमार श्रीवास्तव

Language: Hindi
1 Comment · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
3568.💐 *पूर्णिका* 💐
3568.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
Ravikesh Jha
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
Ranjeet kumar patre
মহাদেবকে নিয়ে লেখা কবিতা
মহাদেবকে নিয়ে লেখা কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रीत हमारी हो
प्रीत हमारी हो
singh kunwar sarvendra vikram
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वो अनजाना शहर
वो अनजाना शहर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ज़माने की नजर में बहुत
ज़माने की नजर में बहुत
शिव प्रताप लोधी
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रमेशराज की तेवरी
रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
पीड़ाएँ
पीड़ाएँ
Niharika Verma
अज़ल से इंतजार किसका है
अज़ल से इंतजार किसका है
Shweta Soni
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"आँसू "
Dr. Kishan tandon kranti
हिदायत
हिदायत
Dr. Rajeev Jain
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
बदल जाते हैं मौसम
बदल जाते हैं मौसम
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय*
दिल की धड़कन भी
दिल की धड़कन भी
Surinder blackpen
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
"वक्त"के भी अजीब किस्से हैं
नेताम आर सी
हौसला न हर हिम्मत से काम ले
हौसला न हर हिम्मत से काम ले
Dr. Shakreen Sageer
"It’s dark because you are trying too hard. Lightly child, l
पूर्वार्थ
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...