जनाब पद का नहीं किरदार का गुरुर कीजिए,
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इश्क़ चाहत की लहरों का सफ़र है,
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।