मंच पर आया हूं ___ घनाक्षरी
मंच पर आया हूं मैं कविताएं लाया हूं मैं।
बैठ जाओ चुपचाप सब को सुनाऊंगा।।
यहां पर सबने ही अपनी सुनाई है तो।
कला मेरी गायकी की सबको सुनाऊंगा।।
मिलाना है ताल तुम्हें करना है वाह वाही।
शाही मेरे अंदाज से तुमको लुभाऊंगा।।
डेरा मेरा “बोड़ा” में है “अनुनय” कहते हैं।
मीठे मधुर गीत मैं तो गुनगुनाऊंगा।।
राजेश व्यास अनुनय