मंगल मय हो यह वसुंधरा
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/955a7189555f2ce1fc7f570f8551ad35_330ff0570fa5dedcbdae736c966cdb67_600.jpg)
मंगल मय हो यह वसुंधरा
सकल भारत भूमि समेत
सब एक दूजे के मान के
प्रति भी सतत रहें सचेत
ज्ञान और विवेक की दृष्टि
से जन जन हो अति समृद्ध
तब सब यहां आनंदित रहेंगे
बच्चे,युवा, नर, नारी औ वृद्ध
सब देवी, देवताओं की कृपा
हम पर बरसती रहे दिन रात
ताकि मानवता के कल्याण में
हम भी बंटा सकें अपना हाथ
नारायण से दोऊ हाथ जोड़ कर
नित यही विनती करता उमेश
हे प्रभु सन्मति और सद्मार्ग दे
जीवन को बनाना आपही विशेष