मंगलसूत्र
रेशम की डोर में कुछ काले मोती
प्रेम को पिरोए गले की गरिमा
रिश्ते में समर्पण की सौगात लिए हुए
मेरे जीवन में सुधा प्रवाह, कुछ काले मोती
प्रस्तर खगोल हेम शोभायमान कर
तनुजा से मुझे, कर कलत्र ढालकर
पूर्ण वनिता बना रूप को रम्य कर
सदन को गृह बना, जीवनधरोहर कुछ काले मोती
मेरे गले में अब बांध भी दो
रेशम की डोर में कुछ काले मोती।।
✍️ संदीप सागर (चिराग)
तहसील कायमगंज जिला फर्रुखाबाद