मंगलमय हो दीवाली
मंगलमय हो जन गण को दीवाली
जगमग जगमग दीपशिखा दीवाली
कार्तिक मास रात है अमावस वाली
जलते दीयों से उजाला करे दीवाली
लक्ष्मी धन देवी धन वर्षा रहे करती
धनवंतरी सुख समद्ध स्वस्थ करती
गणेश देव लक्ष्मी संग पूजा है जाता
जन गण को सदा सद्बुद्धि बख्वाता
मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम अभिनंदन
मर्यादित संयमित निस्वार्थी है जीवन
शुभाशीष सदभावी हो मिठाई खाते
देर रात तक पटाखें हैं चलाए जाते
दिवाली शुभावसर खरीदारी करते
घर आंगन द्वार बाजार बहुत सजते
प्रेम प्यार ज्ञान प्रकाश का प्रतीक हैं
भाईचारा सदभावना की भी जीत है
शुभकामनाओं संग दीवाली मुबारक
सुख शान्ति समृद्धि दीवाली मुबारक
मंगलमय हो जन गण को दीवाली
जगमग जगमग दीपशिखा दीवाली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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