*धन्य रामकथा(कुंडलिया)*
धन्य रामकथा(कुंडलिया)
भ्राता लक्ष्मण-सा कहॉं, भार्या सिया-समान
सेवक कब हनुमान-से, राजा भरत महान
राजा भरत महान, पादुका सिर पर लादे
मुनियों के-से वस्त्र, शयन भोजन सब सादे
कहते रवि कविराय, समझ बस इतना आता
रामकथा तुम धन्य, धन्य पत्नी पति भ्राता
रचयिता रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश
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