भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट में नाम
व्यंग्य
भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट में नाम
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ये कैसा तमाशा हो रहा है
पूछताछ कम छापा ज्यादा पड़ रहा है,
बेनामी संपत्तियां, आभूषण, नकदी
खूब निकल रहा है,
मगर लोकतांत्रिक संस्थाओं की आड़ में
राजनीति का खेलने का
विधिवत आरोप प्रत्यारोप चल रहा है
जितना बड़ा भ्रष्टाचारी वो उतना ही
पाक साफ होने की रट लग रहा है
दुनिया में सबसे मजलूम खुद को दिखा रहा है
आरोपों को झूठा ठहराने, जनता की संवेदना पाने के लिए
पूछताछ के लिए फौज साथ ले जाता है
खुद को ऐसे दिखाता
जैसे राजनीति का वो ही प्रकांड ज्ञाता।
अपने दल, अपने लोगों को सत्यवादी दिखाता
जिनकी बदौलत राजनीति है करता।
जेल जाने को ससुराल जाने जैसा बताता
पूछताछ में अजीब मुंह बिचकाता
खुद को पाक साफ, दूध का धुला दिखाता
पर जब सबूतों से सामना होता
उसके चेहरे पर कालिख पुत जाता
क्योंकि सच नकार जो नहीं पाता।
जब जेल जाता तो अपने सारे नट बोल्ट ढीले ही पाता
तब ऐसा लगता जैसे सांप अधमरा हो जाता
जो डसना तो दूर फुफकार भी नहीं पाता
बेशर्म भ्रष्टाचारी चाणक्य का सारा कस बल निकल जाता,
भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट में एक नाम और जुड़ जाता।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उ.प्र.
©मौलिक स्वरचित