भ्रष्टाचार
चाहे जितना जोर लगा लो, कितना भी जन गण मन गा लो…
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…
भारत आगे नहीं बढ़ेगा जब तक छिद्र नहीं रोकेंगे…
नाव डूब जानी है निश्चित यदि जल श्रोत नहीं रोकेंगे…
भ्रष्टाचार जड़ों में फैला लोकतंत्र बेमतलब का है,
पैसा है तो लोकसभा में अपने हित के प्रश्न पूछा लो…
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…
अभी बनी थी सड़क मगर ये फिर क्यों खुद गई पता नहीं है..
गढ्डों में गिर गिर के कितनी दुनिया उजड़ी पता नहीं है…
मोटा वेतन किन्तु कमीशन, कितना मिल गया सभी पता है,
मरते हैं तो मर जाने दो चाहो तो बस जांच करा लो….
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…
सेबी, इरडा, ईसीआई, लोकायुक्त नीयत नहीं है सब बेमानी…
रिश्वत, रुतबा और कमीशन की अड्डा हैं सब रजधानी…
बाहर तो सब मिलकर खाएं, मौज मनाएं, रास रचाएं,
असेम्बली और पार्लियामेंट में जनता को हुड़दंग दिखा लो…
कितनी भी योजना बना लो, समिति बना लो, बजट बना लो…
भारतेन्द्र शर्मा “भारत”
धौलपुर, राजस्थान
मो.94914307564