भ्रम
अच्छे होने का भ्रम
तुमने है
पाले रखा रखा है
जो तुमने
अच्छे बने हो अब तक
केवल तुम
लाइक कमेन्टस का प्रहसन
तुम्हारे लिए
स्रोत है निर्झरिणी जैसा
तुमको देता
लेखन को नित्यप्रति निखार
पर मुझसे नाता
तुम्हारा
मात्र आकर्षण है जिसे
तुमने केवल
सीप में मोती की तरह
सहेजा तुमने
जानती हूँ कि मेरा अस्तित्व
मात्र तुमसे है
फिर भी यह अधिकार
तुमको नहीं
एक डोर
लाइक डिसलाईक के बीच
सहारा है
बस मेरे और तुम्हारे बीच
जीवन जीने का
पर यह मनोभाव तुमसे ही
जन्म लेते है ऐसा क्यूं
सच्चाई से परिचित तुम भी हो
मैं भी हूँ
मेरे नजदीक होने का अधिकार
तुमको नहीँ ,
फिर भी तुम्हारी महक अब तक
मेरे जेहन में