” भोले बाबा के दरबार “
“गूँज रहें हैं गली-गली में बोल बम के जयकारे,
ताता लगा है भक्तों का भोले बाबा के द्वारे,
सावन की पावन बेला में, बाबा धरती पर आते हैं,
मन की सारी मुरादें भक्तों की पूरी कर जाते हैं,
कावंर में गंगा जल भर के वस्त्र नारंगी डाले,
भक्ति रस में डूबे है सब भूले पाँव के छाले,
हर ज्योतिर्लिंगों का एक अद्भुत श्रृंगार है,
शिव शंकर ,भोले भंडारी की महिमा अपरंपार है,
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि बहुत निराली है,
मल्लिकार्जुन दर्शन पापों से मुक्ति देने वाली है,
दक्षिणमुखी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन ,
भर दे भक्तों की झोली,
ॐ आकार में बड़ा सुसज्जित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग,
उत्तराखण्ड में भोले का एक और रूप हम पाते है,
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में यह केदारनाथ कहलाते हैं,
भीमाशंकर महाराष्ट्र में,
मोटेश्वर महादेव के नाम से जाने जाते हैं,
कशी विश्वनाथ बारह ज्योतिर्लिंगों का एक हिस्सा है,
प्रलय भी कुछ कर ना सके काशी का ,
जग में प्रसिद्ध ये किस्सा है,
त्रम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग ब्रम्हगिरी पर्वत पर है,
बैद्यनाथ भोले बाबा का नौंवा घर है,
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग नागों के ईश्वर कहलाते हैं,
सच्चे भाव से जो मांगे भक्त वो सब कुछ पाते हैं,
रामेश्वर ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु में है स्थित,
कहते हैं प्रभु श्री राम के द्वारा यह है निर्मित,
एलोरा में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के, दर्शन को सब जाते हैं ,
भोले बाबा का इसको प्रिय स्थान बताते हैं,
सारे ज्योतिर्लिंगों की अपनी अलग महत्ता है,
भोले बाबा हर रूप में भक्तों के दुःखहर्ता हैं”