Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2023 · 2 min read

भोलापन

लघुकथा
भोलापन
********
फोन की घंटी चीख रही थी। न चाहते हुए भी रीता ने फोन उठाया
हैलो!जी भैया नमस्ते
भैया की प्यारी बहन मैं भैया नहीं भाभी हूं। दूसरी ओर से आवाज आई।
जी भाभी! सादर प्रणाम। कैसी हैं आप, भैया और बच्चे। रीता एक सांस में बोल गई।
उधर से उत्तर मिला- सब ठीक है।
बहुत अच्छा लगा भाभी। आज सचमुच मेरे लिए खुशी का दिन है। रीता के स्वर में प्रसन्नता थी।
बात तो ठीक है रीता बहन। मगर ये क्या बात हुई कि आजकल आप भाई से नाराज़ हो।
ऐसा आपने कैसे सोच लिया भाभी।मैं भला अपने भाई से नाराज़ क्यों होऊंगी? भाई ही तो मेरा संबल हैं। ऐसा करके मैं अपने भाई का अपमान क्यों करुंगी? रीता के स्वर में पीड़ा का भाव था।
मैं तो आपको जानती भी नहीं।बस आपके भैया जितना बताते हैं,जानती हूं। मगर पिछले एक सप्ताह से वे कुछ उदास हैं, परेशान भी, शायद आपको लेकर। मैं भी महसूस कर रही हूं कि शायद आप दोनों में बातचीत नहीं हो रही है।
क्षमा कीजिए भाभी। मैं अपनी ग़लती मानती हूं, मगर मैं अपने भाई को दुविधा में नहीं डाल सकती। आप भैया को कुछ मत कहना। मगर पिछले हफ्ते मेरा एक्सीडेंट हो गया था।भाई को नहीं बताया कि परेशान हो जाएंगे।बस इसीलिए फोन नहीं करती।
मगर ये तो कोई बात नहीं हुई।वो तो तब भी परेशान ही हैं न। या तो आप उन पर भरोसा नहीं कर पा रही हो या उनके साथ अपने रिश्ते को बहुत कमजोर समझती हो।
वे मुझसे कुछ भी नहीं छिपाते।आपके बारे में भी सब बता चुके हैं। मुझे भी हमदर्दी है। दुःख दर्द बांटने से कम होते हैं। छुपाने से बढ़ते ही हैं।एक तरफ तो आप उनको इतना मान दे रही हो,तो दूसरी ओर अपनी परेशानी भी छिपा रही हो।
सारी भाभी मुझे क्षमा कर दो। मगर भैया को कुछ न बताइएगा। नहीं तो बहुत डाँटेंगे मुझे।
वाह क्या भोलापन है? डाँट तो खाना ही पड़ेगा। मुझे बताना तो पड़ेगा ही उन्हें, गलती तुम करो और डांट मुझे खिलाओ, वाहहहहहहह, । वैसे भी इतनी बड़ी बात जानकर चुप तो नहीं रहा जा सकता। माना कि हमारे साथ आपके खून के रिश्ते नहीं हैं, मगर हमारे लिए ये रिश्ता उससे भी बढ़कर है।
चलिए अब फोन रखिए, हम शाम तक आपके सामने होंगे। हम भी देखना चाहेंगे कि इतनी निर्दयी बहन को।जो खुद तो परेशान हैं, और न चाहते हुए भाई भाभी को परेशान कर रही है।
रीता सिसक उठी। जरूर भाभी आपका स्वागत है। मैं आप दोनों की राह देखूंगी। अब भैया के कोप से भी आप ही बचाइगा।
और फोन काट दिया। वह अपने मुंह बोले भाई के संरक्षण और प्रेम पर गर्व कर सिसक उठी।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक, स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
Rj Anand Prajapati
है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
ପରିଚୟ ଦାତା
ପରିଚୟ ଦାତା
Bidyadhar Mantry
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
ruby kumari
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
Neelofar Khan
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
गर्व हमें है ये भारत हमारा।
गर्व हमें है ये भारत हमारा।
Buddha Prakash
मेरा भारत महान --
मेरा भारत महान --
Seema Garg
बेफिक्र अंदाज
बेफिक्र अंदाज
SHAMA PARVEEN
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
3064.*पूर्णिका*
3064.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
‌एक सच्ची बात जो हर कोई जनता है लेकिन........
Rituraj shivem verma
आइये - ज़रा कल की बात करें
आइये - ज़रा कल की बात करें
Atul "Krishn"
दिल का आलम
दिल का आलम
Surinder blackpen
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
हिंसा न करने का उथला दावा तथा उतावला और अनियंत्रित नशा एक व्
Dr MusafiR BaithA
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
कविता
कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"मैं और मेरी मौत"
Pushpraj Anant
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
Who am I?
Who am I?
Otteri Selvakumar
एक पल को न सुकून है दिल को।
एक पल को न सुकून है दिल को।
Taj Mohammad
"सिलसिला"
Dr. Kishan tandon kranti
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
शिक्षित लोग
शिक्षित लोग
Raju Gajbhiye
Loading...