भोर होने को है
भोर होने को है
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दिन पहले जैसे लोटने को है
देख एक नव भोर होने को है
साल भर पुरानी को छोड़ कर
हर निराशा से मुख मोड़ कर
कर वपन आशा के बीजों का
तिमिर घोर अब छटने को है
देख एक नव भोर होने को है
दिन पहले जैसे लोटने को है
देख एक नव भोर होने को है
विगत दिन विश्व परिदृश्य बदला
कोरोना अनगिनत आयाम ढला
भूल जा अब मानव वो बुरे दिन
आशा का सूरज उगने को है
देख एक नव भोर होने को है
दिन पहले जैसे लोटने को है
देख एक नव भोर होने को है
बना कर अपनों से दूरी मानव
अपनों को अनदेखा कर मानव
मिटा भयावह विनाश की रेख
दुख का सूरज ढलने को है
देख एक नव भोर होने को है
दिन पहले जैसे लोटने को है
देख एक नव भोर होने को है