भोर से पहले—-
समय चूक जाये
पर वो नहीं रुकती
उजाले से पहले
भोर से पहले
आ जाती है
वो नन्ही सी चिड़िया
मधुर गीत गाती
निमिष भर देर नहीं होती
जब तक जीवन है
वो चहचहायेगी
गीत गायेगी
हम सबको मीठे संगीत से जगायेगी।
हम आज की बात कल भूल जाते हैं
हर पल चूक जाते हैं
पहरेदारी में भी पाबंद नहीं
चिड़िया तो बिना कहे
समय से पहले
रोज आ जाती है!
हम कभी
चिड़िया जैसे नहीं बन सकते।
चिड़िया होते तो शायद!
सोचते ।