“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
“भोर की पहली किरण , ह्रदय को आनन्दित करती है ,
वो मनमोहक चित्त हरणी , चाय विचलित करती है ,
सुकून दायक , कष्ट हरणी , चाय की क्या तारीफ करू , दिवस की शुरुवात से प्रेम प्रज्वलित करती है l”
नीरज कुमार सोनी
“जय श्री महाकाल”