भोजपुरी गजल
काल्हि ठीके रहे आजु का हो गइल।
जान छिरिकत रहे बेवफा हो गइल।।१।।
नासमझ के भले कान केहू भरल,
झूठ पतियात कादो खफा हो गइल।।२।।
नाॅंवॅ हमरे लिखावत रहे जिंदगी,
नाॅंवॅं आपन धरावत दफा हो गइल।।३।।
साॅंस अटकल रहे ना खबर पाइ के,
बेखबर के अगोरल बदा हो गइल।।४।।
अब कहल जा न केहू लगावे पता,
हाय!बदनाम के डर सजा हो गइल।।५।।
चिठ्ठि पतरी न कवनो सनेशा मिले,
आहि दइबा कवन ई खता हो गइल।।६।।
साथ माया न दें आस केकर करीं,
दूसरा से कहल काल बा होगइल।७।।
**माया शर्मा, पंचदेवरी, गोपालगंज (बिहार)**