Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2024 · 1 min read

*भैया दूज विशेष है, भारत का त्यौहार (कुंडलिया)*

भैया दूज विशेष है, भारत का त्यौहार (कुंडलिया)
_________________________
भैया दूज विशेष है, भारत का त्यौहार
भाई के माथे लगा, टीका है आधार
टीका है आधार, मुदित भाई लगवाते
घर लेते आकार, पूर्णता रिश्ते पाते
कहते रवि कविराय, बड़ा कब हुआ रुपैया
बड़ा सदा संबंध, बहन को भाता भैया
——————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
*धन्य-धन्य वह जो इस जग में, हुआ बड़ा धनवान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
क्या कहूं उस नियति को
क्या कहूं उस नियति को
Sonam Puneet Dubey
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
Phool gufran
"चढ़ती उमर"
Dr. Kishan tandon kranti
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*देह का दबाव*
*देह का दबाव*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
.हिदायत
.हिदायत
shabina. Naaz
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
इस तरह कब तक दरिंदों को बचाया जाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
कवि रमेशराज
अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
बेटियां।
बेटियां।
Taj Mohammad
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
वक्त वक्त की बात है,
वक्त वक्त की बात है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
Piyush Goel
16---🌸हताशा 🌸
16---🌸हताशा 🌸
Mahima shukla
*एक तथ्य*
*एक तथ्य*
*प्रणय*
3728.💐 *पूर्णिका* 💐
3728.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो  हक़ीक़त  पसंद  होती  है ।
वो हक़ीक़त पसंद होती है ।
Dr fauzia Naseem shad
"" *हाय रे....* *गर्मी* ""
सुनीलानंद महंत
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
Rj Anand Prajapati
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
Atul "Krishn"
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
मैं तुम और हम
मैं तुम और हम
Ashwani Kumar Jaiswal
लघु कथा:सुकून
लघु कथा:सुकून
Harminder Kaur
सबसे दूर जाकर
सबसे दूर जाकर
Chitra Bisht
Loading...