“भैयादूज”
“भैयादूज”
कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की
द्वितीया तिथि को यह मनाया जाता
भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक
यह पावन पर्व भैयादूज कहलाता,
दीपावली के दो दिन बाद लहराकर
तीसरे दिन यह पावन तैयोहर आता
कहावत युगों युगों से यह चली आ रही
यमुना ने यमराज को भोजन करवाया,
यमराज ने स्वीकार किया जिसे सस्नेह
यमुना से इसी दिन वरदान था पाया
बहन का आतिथ्य स्वीकार करता भाई
यह पर्व यम द्वितीय भी था कहलाया,
भाईदूज के पावन पर्व पर जो भाई
बहन के घर जाकर भोजन है करता
होती मनोकामना सभी पूर्ण उसकी
यमराज का भय भी तनिक नहीं सताता,
भाई बहन की अनोखी समझ का
यह अदभुत पर्व सबको हर्षाता
बहन करती भाई के कल्याण की प्रार्थना
भाई भी बहन की खुशहाली चाहता,
भाई टीका, भाऊ बीज, भाई फोटा, भ्रातृ द्वितीया
भिन्न भिन्न नाम से यह जाना जाता
भाई बहन जो पूर्ण श्रद्धा से मनाते पर्व
यमराज अकाल मृत्यु से प्राण है बचाता।
Dr.Meenu Poonia