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11 Oct 2021 · 1 min read

भेष बदलकर हमहीं ने तो?

कहने को तो कानूनन मैं अवाम की सरकार हूँ.
भेष बदलकर हमहीं ने तो? सरकारी खजाने हैं लूटे?

तुम्हारे कमाने खाने के सारे दरबाजे हमने कर दिए हैं बंद?
पांच किलो मुफ़्त अनाज जो बँटबाए? देखो मैं कितना मददगार हूँ?

शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 169 Views
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