भूल हो गयी हो अगर आप से
भूल हो गयी हो अगर आप से
तो किस को सजा दोगे
सुधार लोगे गलती
क्या सामनेवाले को ही ठुकरा दोगे
अपनी ग़लती की सजा
किसी और को मत देना
दिल ना तोड़ना किसी मासुम का
वरना नाराज हो जायेगा खुदा
मालूम ना हो अगर सामनेवाला
सच्चा है या झूठा
थंडे़ दिमाग से सोच लेना
फिर हो ना पाये हम जुदा
इतनी साल की दोस्ती को
तूम ऐसा सिला दोगे
क्या पता तुम किसी और से
क्या खाक दोस्ती निभावोगे
सबकुछ बतावो अपने दोस्तों को
इसकी हमें जरुत नहीं
मगर उसके लिए झूठ बोलना
ये बात तो सच नहीं
कबुल ना हो अगर फिर भी ग़लती
तो तूम्हारा दिल छोटा है
माफ करना तो बडे़वालों की बात है
फिर तू तो इसमें कच्चा है