भूल जा – डी के निवातिया
भूल जा
!
जो हुआ, सो हुआ, भूल जा
अच्छा था, या बुरा भूल जा !!
वक्त कब ये किसी का रहा,
आज उस का रहा भूल जा !!
जिंदगी का खेला खेल अब,
बाकि सब कुछ जुआ भूल जा !!
हार या जीत कुछ भी सही,
मस्त हो जा गुमा भूल जा !!
क्या लेकर तू धरम जाएगा,
माल धन सब फिजा भूल जा !!
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डी के निवातिया