Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2023 · 1 min read

भूल जाना (वहम )

कि कौन चाहता है
उसे याद करना
जो कह चुका हो
भूल भी जाओ अब
वक़्त बहुत बीत चुका है
मग़र अफ़सोस ये वक़्त
ये ख़ामोश गहरी रात
सन्नाटे में दख़ल देती
घड़ी में मिनट का कांटा
कमरे का ये धुंधला अंधेरा
जो मंदिर के लाल बल्ब की रौशनी पर टिकता हो
और मोबाईल की स्क्रीन पर
बार -बार तेरा चेहरा
पहले की तरह ही जलता हो बुझता हो, जलता हो बुझता हो,
वक़्त कहाँ बीत गया
यह हर रोज़ यहीं ठहर जाता है जैसे
हमारे संवाद के ठीक उसी मिनट पर ।

किरण वर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
कहां नाराजगी से डरते हैं।
कहां नाराजगी से डरते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
शक्तिशाली
शक्तिशाली
Raju Gajbhiye
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Armano me sajaya rakha jisse,
Armano me sajaya rakha jisse,
Sakshi Tripathi
"जाग दुखियारे"
Dr. Kishan tandon kranti
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
युगों    पुरानी    कथा   है, सम्मुख  करें व्यान।
युगों पुरानी कथा है, सम्मुख करें व्यान।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पाखंड
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नींद
नींद
Diwakar Mahto
यादों की किताब पर खिताब
यादों की किताब पर खिताब
Mahender Singh
गुरु
गुरु
Rashmi Sanjay
अतिथि देवो न भव
अतिथि देवो न भव
Satish Srijan
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
■ इनका इलाज ऊपर वाले के पास हो तो हो। नीचे तो है नहीं।।
■ इनका इलाज ऊपर वाले के पास हो तो हो। नीचे तो है नहीं।।
*Author प्रणय प्रभात*
*चुनाव: छह दोहे*
*चुनाव: छह दोहे*
Ravi Prakash
2553.पूर्णिका
2553.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तेरी यादें
तेरी यादें
Neeraj Agarwal
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
✍️✍️✍️✍️
✍️✍️✍️✍️
शेखर सिंह
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
आज के समय में शादियां सिर्फ एक दिखावा बन गई हैं। लोग शादी को
पूर्वार्थ
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
Ranjeet kumar patre
सबकी जात कुजात
सबकी जात कुजात
मानक लाल मनु
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
Loading...