भूल गये
बड़ी बड़ी किताबें पढ़ीं ,
छोटे सबक भूल गये।
शास्त्र पढ़ कर कैसे ,
संस्कार भूल गये !
शेर के दाँत गिनने वाले ,
अपना बल भूल गये ।
कोई दूसरा कहे तो सच,
अपना यकीन भूल गये ।
बड़ी बड़ी किताबें पढ़ीं ,
छोटे सबक भूल गये।
शास्त्र पढ़ कर कैसे ,
संस्कार भूल गये !
शेर के दाँत गिनने वाले ,
अपना बल भूल गये ।
कोई दूसरा कहे तो सच,
अपना यकीन भूल गये ।