भूला न सकोगें….
रहूंगी जो यादों में, मैं तस्वीर बनके,
तुम मेरी हस्ती, मिटा न सकोगें,
मुझे तुम कभी भी , भूला न सकोगें।
रहूंगी जो साथ में, मैं साया बनके,
तन्हा कभी वक्त, बीता न सकोगे,
मुझे तुम कभी भी , भूला न सकोगें ।
रहूंगी जो आँखों में, मैं ख्वाब बनके,
नींदो से खुद को, जगा न सकोगे,
मुझे तुम कभी भी , भूला न सकोगें ।
रहूंगी जो दिल में, मै धड़कन बनके,
धड़कन को खुदकी, रुका न सकोगें,
मुझे तुम कभी भी , भूला न सकोगें ।
रहूंगी जो जिस्म में, मैं रूह बनके,
तुम मुझ से पीछा, छुड़ा न सकोगें,
मुझे तुम कभी भी , भूला न सकोगें
Uma vaishnav
(मौलिक और स्वरचित)