भूख
सर पर ईटों का बोझ लिए
और पीठ में बांधे अपने नन्हे शिशु को
काम कर रही वह आदिवासी औरत
ठेकेदार की नजरों से खुद को छुपाती
लोगों की घूरती नजरों से स्वयं को बचाती
बस काम करती है
परिवार और संतान की
भूख मिटाने के लिए।
सर पर ईटों का बोझ लिए
और पीठ में बांधे अपने नन्हे शिशु को
काम कर रही वह आदिवासी औरत
ठेकेदार की नजरों से खुद को छुपाती
लोगों की घूरती नजरों से स्वयं को बचाती
बस काम करती है
परिवार और संतान की
भूख मिटाने के लिए।