भूख के बुखार से!
दिन-भर भूख से तड़पता बच्चा
रात को रोते-रोते सो गया
सपनों में ही मिल जाए रोटी
इसलिए सपनों में खो गया।
माँ की गोद में सोया
नन्हा-सा रूप भूख का
निस्तेज पीला चेहरा स्वरूप
जिंदगी की कड़ी धूप का।
तप रहा था बच्चा
भूख के बुख़ार से
शायद जा रहा दूर
पतझड़ की बहार से।
माँ का कलेजा छलनी-2
बच्चे की हालत देखकर
खुद की बेबसी और
न मिलती राहत देखकर।
अचानक दर्द में तड़पते
बच्चे ने आँखें खोलीं
उसकी भोली ऑंखें
अपनी माँ से कुछ बोलीं।
फिर वो भोली आँखें
सदा के लिए बेजान हो गई
बिलखती माँ की तो अब
सारी दुनिया वीरान हो गई।
मुरझा गया खिलता फूल
धूप के कठोर प्रहार से
तड़पते-2 गई नन्ही-जान
भूख के बुखार से!
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
Priya princess panwar
स्वरचित,मौलिक