Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2024 · 1 min read

*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )

भूकंप का मज़हब

समेंट लिया सभी को ,
अपने आगोश में
भूकंप का शायद ,
कोई मज़हब नहीं था …

मस्जिद भी गिर गयी ,
मंदिर भी डह गया
मलवा उठाने वाले का,
इंसानियत धर्म था…

मुस्लिम भी जल गया ,
हिन्दू की चिता मे
जो दफन हुआ वो ,
मुस्लिम तो नहीं था …

सदियों के थे दुश्मन,
दो धर्म के पड़ोसी
लाशें पड़ी थी संग ,
हाथों मे हाथ भी था …

– क्षमा उर्मिला

2 Likes · 103 Views
Books from Kshma Urmila
View all

You may also like these posts

प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
पराधीन
पराधीन
उमा झा
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
दर्द  जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
Ashwini sharma
तेवरी : व्यवस्था की रीढ़ पर प्रहार +ओमप्रकाश गुप्त ‘मधुर’
तेवरी : व्यवस्था की रीढ़ पर प्रहार +ओमप्रकाश गुप्त ‘मधुर’
कवि रमेशराज
अध्यात्म की तपोभूमि
अध्यात्म की तपोभूमि
Dr.Pratibha Prakash
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
आधारभूत निसर्ग
आधारभूत निसर्ग
Shyam Sundar Subramanian
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
मेरी जानां
मेरी जानां
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्तों की हरियाली
रिश्तों की हरियाली
सुशील भारती
तुम
तुम
Tarkeshwari 'sudhi'
गीत- ग़रीबी में सभी वादे...
गीत- ग़रीबी में सभी वादे...
आर.एस. 'प्रीतम'
पारसदास जैन खंडेलवाल
पारसदास जैन खंडेलवाल
Ravi Prakash
क्षण भर पीर को सोने दो .....
क्षण भर पीर को सोने दो .....
sushil sarna
अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
#हम_तुम❣️
#हम_तुम❣️
Rituraj shivem verma
पुरबी के जनक 'महेंद्र मिश्र
पुरबी के जनक 'महेंद्र मिश्र
Indu Singh
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चाय
चाय
Ruchika Rai
शिशिर ऋतु-३
शिशिर ऋतु-३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी है तुझसे
जिंदगी है तुझसे
Mamta Rani
श्रमिक के सपने
श्रमिक के सपने
Seema gupta,Alwar
प्यारा सा गांव
प्यारा सा गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
কিছুই না
কিছুই না
Otteri Selvakumar
ए जिंदगी तेरी किताब का कोई भी पन्ना समझ नहीं आता
ए जिंदगी तेरी किताब का कोई भी पन्ना समझ नहीं आता
Jyoti Roshni
आओ मिलन के दीप जलाएं
आओ मिलन के दीप जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
Loading...