भुल
कहीं गीली -गीली सी धरती
कहीं सूखा-सूखा सा आसमान
कहीं जलप्रलय
कहीं जलविहीन जीवन
कहीं पक्षियों का रुद्रंन
कहीं इंसानों की कराह
प्रकृति का खेल
या इंसानों की भुल।
~रश्मि
कहीं गीली -गीली सी धरती
कहीं सूखा-सूखा सा आसमान
कहीं जलप्रलय
कहीं जलविहीन जीवन
कहीं पक्षियों का रुद्रंन
कहीं इंसानों की कराह
प्रकृति का खेल
या इंसानों की भुल।
~रश्मि