भुला दिया तुझे
प्यार तो किया था तुझसे बेइंतहा
दिल के हर टुकड़े पर था तुम्हारा निशां
तू मजबूरी थी मेरी
या पागल थे हम
बस यही कहानी आज कर रहे हैं बयां
चल उन कसमों से उन वादों से
फिर रिहा किया तुझे
अब जा ना यार – भुला दिया तुझे
एक वक़्त तू ही थी मुस्कुराहट मेरी
तन्हाई में गुनगुनाती सी एक आहट मेरी
तू मंजिल थी शायद
मैं मुसाफिर बना तेरा
यही सपना था और यही चाहत थी मेरी
मगर अब नाराज मत होना यार
बेफिज़ूल रुला दिया तुझे
सिर्फ इतना समझ – भुला दिया तुझे
रातों को सोने से पहले तुम्हारी कॉल
सुबह होने से पहले गुड मॉर्निंग और एक मिसकॉल
अब तो शायद धुंधला सा है
वो वक़्त वो पल
वो दिन ज़ब मैं रूठता और तू मनाती
इन छोटी छोटी बातों से तू बड़ा सताती
तारीफ़ करता ज़माना मुस्कुराहटों की मेरी
मगर वक़्त ने वक़्त से पहले सुला दिया मुझे
अब जा ना यार – भुला दिया तुझे