भुलाने के लिए
दुनिया छोड़ दिए हम जिनको पाने के लिए
उनको दुनिया काफ़ी नहीं आज़माने के लिए
कोई दरिया पाकर भी बेचैन भटक रहा है
हमें इक कतरा ही काफी है प्यास बुझाने के लिए
हम अब भी उन्ही के इंतज़ार में बैठे हैं
अब तक ज़िंदा हैं ये बात उनको बताने के लिए
हमनें क्या क्या जतन ना किया मिलने के वास्ते
आपको तो बहाना चाहिए बस दूर जाने के लिए
हमको हँसा पाना अब किसी के बस की बात नहीं
उनका इनक़ार ही काफ़ी है हमें रुलाने के लिए
मोहब्बत तो हो गई थी हमें पहली नज़र में ही
ये दिल सदियां मांगता है उनको भुलाने के लिए
— विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar