भीख वाली सेल्फी
………………… भीख वाली सेल्फी ……………….
शोषित, पीड़ित, वंचित मानव सदियों से लाचार है ।
सेल्फी लेकर , भीख बांटना दान नहीं प्रचार है ।
मानव को मानव न समझा ,
कुत्ता , बिल्ली समझ लिया
भाई को भाई न समझा
चीज मामूली समझ लिया
खाना – पिलाना दो दिन का
फिर पेट पर प्रहार है ।
शोषित, पीड़ित, वंचित मानव सदियों से लाचार है ।
सेल्फी लेकर , भीख बांटना दान नहीं प्रचार है ।
निर्धन हैं , भिखारी नहीं हैं
उनमें भी स्वाभिमान है
भोजन का भारी संकट है
फोटो लेना , अपमान है
दुनिया सारी बाजार बनी है
मानवता शर्मसार है ।
शोषित, पीड़ित, वंचित मानव सदियों से लाचार है ।
सेल्फी लेकर, भीख बांटना दान नहीं प्रचार है ।
बेटा जंग में शहीद हुआ है
पूरे नगर में मातम है
शहादत पर चुप – सी माँ के
दिल में जाने क्या गम है
शव – पेटी – संग सटे नेता को
फोटो – सेशन का इंतजार है ।
शोषित , पीड़ित , वंचित मानव सदियों से लाचार है ।
सेल्फी लेकर , भीख बांटना दान नहीं प्रचार है ।
संकट काल में समस्त धरा पर
न हलचल है , न कोलाहल
भूखों की कर्राह भयंकर
मन को करती है घायल
हाथ से दूर गरीब के भोजन
राशन के भंड़ार हैं ।
शोषित, पीड़ित , वंचित मानव सदियों से लाचार हैं।
सेल्फी लेकर , भीख बांटना दान नहीं प्रचार है।
गरीबी हटाओ, देश बचाओ
नारा था , यह नारा है
सबका साथ , सबका विकास
प्यारा था , पर हारा है ।
गरीब जो था , रहेगा नसीब
आती – जाती सरकार है ।
शोषित, पीड़ित, वंचित मानव सदियों से लाचार हैं ।
सेल्फी लेना, भीख बांटना , दान नहीं प्रचार है ।