भिगो रही बरसात मगर
भीगो रही बरसात मगर जल रहे है हम
आकर जरा तू देख तो ले ओ मेरे सनम
विरहा की आग में जल रहा भीगा बदन
तेरे लिए आज मेरी आँखें हो रही है नम
तेरी तस्वीर मेरी आँखों मे आकर देख लें
तुझे खो देने का कितना मुझ को है ग़म
यारों की महफ़िल में आये हुए हम मगर
साकी के ज़ाम खाली नहीं है विस्की रम
तुझे पाने को तरस रही ख्वाईशें मेरी भी
जा रही है जान लेकर तू निकल रहा दम