भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
भिंडी ने रपट लिखाई (बाल कविता )
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एक बार भिंडी ने
थाने जाकर रपट लिखाई ,
“मोटा आलू रौब गाँठता
उसकी करो ठुकाई “।।
आलू बोला “यह चिढ़ती
क्यों इसके संग न खेला ,
मेरी सब्जी मटर-संग है
या मैं रहा अकेला ।।
थानेदार समझकर सारी बात
खूब गरमाया,
बोला “भिंडी ! क्यों झूठा
तुम ने आरोप लगाया ।।
होता है अपराध
झूठ कोई आरोप लगाना,
गलती की फिर अगर
जेल में होगा तुमको जाना।।”
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451