भाषा चुनिए वोट से, लोक तंत्र दरबार ।
मित्रों सादर समर्पित है कुण्डलिया
भाषा चुनिए वोट से,लोक तंत्र दरबार ।
डाले मत अपना सभी, प्रजातंत्र आधार ।
प्रजातंत्र आधार, अधूरी सबकी आशा।
हिंदी भाषा बने, राष्ट्र भारत की भाषा ।
कह प्रवीण कविराय, लोक नायक से आशा।
हिंदी चुनकर बने, आज भारत की भाषा
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, सीतापुर