भाषा के सरहद में न बांटियौ।
भाषा के,
सरहद में न बांटियों।
मैथिली के,
बज्जिका अंगिका,
में न बांटियों।
मैथिली के,
संस्कृत-असंस्कृत में न बांटियों।
मैथिली के,
रार मानक में न बांटियों।
मैथिल के,
उच्च-नीच में न बांटियों।
मैथिल के,
बाभन सोलकन में न बांटियों।
मैथिल के,
छूत अछूत में न बांटियों।
मिथिला के,
बज्जिकांचल अंगिकांचल में न बांटियों।
भाषा के,
रामा सरहद में न बांटियों।
स्वरचित@सर्वाधिकार रचनाकाराधीन
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।