भाषा और व्याकरण (Language and grammar)
भाषा की परिभाषा- “भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने भावों और विचारों को (बोलकर या लिखकर) अधिक स्पष्टता के साथ दूसरों के सामने प्रकट करता है, उसे भाषा कहते है”।
भाषा के मुख्य दो प्रकार हैं-
1. कथित भाषा और 2. लिखत भाषा
ध्वनि sound- ध्वनि भाषा का मूल आधार होता है। प्रत्येक भाषा का अपना कुछ निश्चित ध्वनियाँ हैं।
जैसे हिन्दी भाषा की 52 तथा अंग्रेजी भाषा के 26 मूल ध्वनियाँ हैं।
हिन्दी के ध्वनियों को ‘वर्ण’ या ‘अक्षर’ कहते हैं।
लिपि (script)- लिखित भाषा के लिए ‘लिपि’ की आवश्यकता होती है। लिपि का अर्थ होता है लिखना या चित्रित करना।
भाषा और लिपि
1.हिन्दी- देवनागरी लिपि
2.संस्कृत- देवनागरी लिपि
3.अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश आदि- रोमन लिपि
5.पंजाबी- गुरुबाणी लिपि
6. उर्दू, अरबी, फारसी- फारसी लिपि
7. तमिल, तेलगू- द्रविड लिपि
हिंदी वर्णमाला
हिंदी वर्णमाला के दो प्रकार हैं- 1. स्वर और 2. व्यंजन
स्वर की परिभाषा- स्वर वे अक्षर है जिसे बोलने के लिए किसी और ध्वनि की मदद नहीं लेनी पड़ती है। अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ – (11)
अं अः अयोगवाह है –
(अं) को अनुस्वार और (अः) विसर्ग कहते हैं। ये (2) हैं।
ह्रस्व स्वर- अ इ उ ऋ (4) हैं।
दीर्घ स्वर- आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (7) हैं।
स्वर के मुख्य तीन प्रकार के होते है-
1. ह्रस्व स्वर- अ इ उ ऋ (4) होते है इसमें कम समय लगता है।
2. दीर्घ स्वर- आ ई ऊ ए ऐ ओ औ (7) इसमें ह्रस्व से ज्यादा समय लगता है।
3. प्लुत स्वर- ओम इसमें ह्रस्व और दीर्घ से तीन गुना ज्यादा समय लगता है।
व्यंजन की परिभाषा- जिसको स्वरों की सहायता या मदद से ही बोला जाता है, उसे व्यंजन कहते है
क ख ग घ ड०
इसे ‘क वर्ग’ कहते है, इसका उच्चारण ‘कंठ’ किया जाता है।
च छ ज झ ञ
इसे ‘च वर्ग’ कहते है, इसका उच्चारण ‘तालु’ से किया जाता है।
ट ठ ड ढ ण
इसे ‘ट वर्ग’ कहते है, इसका उच्चारण ‘मूर्धा’ से किया जाता है।
त थ द ध न
इसे ‘त वर्ग’ कहते है, इसका उच्चारण ‘दन्त’ से किया जाता है।
प फ ब भ म
इसे ‘प वर्ग’ कहते है, इसका उच्चारण ‘ओष्ठ’ से किया जाता है।
य र ल व
(इन चारों को) ‘अन्तस्थ व्यंजन’ कहते हैं।
श ष स ह
(इन चारों को) ‘उष्ण व्यंजन’ कहते हैं।
संयुक्त अक्षर – क्ष त्र ज्ञ श्र (4) ये चारों दो-दो व्यंजनों के संयोग से बनता है।
जय हिन्द