भाव पूर्ण
अमीर सोचता बनूँ, बना गरीब में वही ।
गुनाह जो किया मिला, सिला नसीब में वही ।।
कृपा करो प्रभू जरा, बना मुझे अमीर दो ।
कि सत्य की दिशा दिखा, बना सही नसीब दो ।।
अमीर सोचता बनूँ, बना गरीब में वही ।
गुनाह जो किया मिला, सिला नसीब में वही ।।
कृपा करो प्रभू जरा, बना मुझे अमीर दो ।
कि सत्य की दिशा दिखा, बना सही नसीब दो ।।