भाव तिरंगा
तन मन धन अर्पण की इच्छा, प्राण त्याग का भाव हो।
केसरिया तब होगा मुखरित, जब बलिदानी भाव हो।।
हो कृतज्ञता नैतिक बल हो, सत्य प्रेम का भाव हो।
रंग सफेद तभी बिखरेगा, जन मन शांति भाव हो।।
जाति पाती वा धर्म से हटकर, मन मानवता भाव हो।
हरियाली हो हरे रंग की, सम सामाजिक सद्भाव हो।।
बलिदानों से शांति है पाई, शांति से सद्भाव हो।
चौबीस घंटे चले चक्र तब, जन जन भारत भाव हो।।
इन भावों से भरा हुआ जो, उनका भाव तिरंगा है।
पढ़े लिखे अनपढ़ गवार हो, या फिर भूखा नंगा है।।
🔥 आजादी के बलिदानियों को समर्पित 🔥