भाव एक गीत है मन का संगीत है भावना की सघन एक अनुभूति है।
भाव
भाव एक गीत है, मन का संगीत है, भावना की सघन एक अनुभूति है।
भाव से कामना भाव से साधना,
भाव से है सकल देव आराधना
भाव है वेदना,भाव है चेतना
भाव से ही बनी ये सभी नीति है।
भाव एक गीत है,मन का संगीत है
भावना की सघन एक अनुभूति है।
भाव वंशी मधुर श्याम की तान है,
भाव विरहा व्यथित गोपिका गान है
भाव से मान है भाव सम्मान है
भाव से ही रचित हार औ जीत है।
भाव एक गीत है मन का संगीत है,भावना की सघन एक अनुभूति है।
भाव से चाह है भाव से आह है,
भाव से ही सरलतम कठिन राह है
भाव से त्याग है भाव से वासना
भाव से ही रचित प्रेम और प्रीत है
भाव एक गीत है मन का संगीत है भावना की सघन एक अनुभूति है।
भाव से भेद है भाव से खेद है,
भाव गीता रचित भाव से वेद है
भाव से ग्रीष्म है भाव से शीत है
भाव से शत्रुता भाव से मीत है
भाव एक गीत है मन का संगीत है भावना की सघन एक अनुभूति है।
अनुराग दीक्षित