भावना की तस्वीर
चेहरे की नहीं
आज मन के कैमरे में
तुम्हारी भावना की
तस्वीर उतारते हैं
तुम्हारे चेहरे के भाव और
तुम्हारी भावना का चेहरा
एक दूसरे से बिल्कुल
मेल नहीं खाते
एक जमीन है तो
दूसरा आसमान
एक दिन है तो
दूसरा रात
एक दोस्त है तो
दूसरा दुश्मन
एक अमीर है तो
दूसरा गरीब
अब दोनों में से पूरी तरह से
कौन क्या है
यह भेद मैं नहीं खोलूंगी
तुम क्या दिखाते हो और
क्या हो
बाहरी आवरण हटाओ तो
अंदर क्या छिपा है
यह सब रहस्य मैं किसी के
समक्ष नहीं खोलूंगी
मैं समझ गई हूं
मेरे प्रति तुम्हारे व्यवहार को
सौ फीसदी
एक आंख से दिखते
दिल से महसूस करते
बहते हुए पानी की तरह साफ
दृश्य की आत्मा सा
एक सच्चाई की कहीं भीतर जड़ें जमाते अस्तित्व की
गहराई की तरह
मेरे लिए बस यह सब
जानना पर्याप्त है
मैं नगर नगर
तुम्हारी असलियत के
नंगे चेहरे के रंगों का ढिंढोरा
नहीं पिटूंगी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001