#ग़ज़ल-40
मेरा भारत सबसे प्यारा लगे
इसके आगे जग भी हारा लगे/1
नभ के तारे हैं सारे देश ये
सबमें चंदा-सा ये न्यारा लगे/2
फर-फर फहरे तिरंगा ऊँचा रहे
आज़ादी का ये तो नारा लगे/3
छह ऋतुओं का आना-जाना रहे
हर मौसम गंगा की धारा लगे/4
न्यारी-प्यारी बोली भाषा यहाँ
सब रंगों का ये तो द्वारा लगे/5
ऋषि-मुनियों की धरती कहते इसे
चारों वेदों का सिंगारा लगे/6
भारत-भारत जय-जय भारत कहो
सुनके जिसको दुश्मन मारा लगे/7
आर.एस.”प्रीतम”