Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2020 · 1 min read

भारत

【मुक्तक】

उठो देश के वीर सपूतो , अपना कदम बढ़ाओ तुम
भारत की रक्षा की ख़ातिर, दुश्मन से टकराओ तुम
आज घटी इस घटना का तुम , अच्छा सबक सिखा आना
कोई नाम तुम्हारा पूछे, ‘भारत’ नाम बता आना

© डॉ० प्रतिभा ‘माही’

Language: Hindi
4 Likes · 8 Comments · 272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Pratibha Mahi
View all
You may also like:
अपना घर
अपना घर
ओंकार मिश्र
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
"घर बनाने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत दाम हो गए
बहुत दाम हो गए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Madhu Shah
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
गुमनाम 'बाबा'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
*धाम अयोध्या का करूॅं, सदा हृदय से ध्यान (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
घर छोड़ गये तुम
घर छोड़ गये तुम
Rekha Drolia
माँ मेरी
माँ मेरी
Dr fauzia Naseem shad
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
Manoj Mahato
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
पूर्वार्थ
3267.*पूर्णिका*
3267.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मिल गया तो मीठा-मीठा,
मिल गया तो मीठा-मीठा,
TAMANNA BILASPURI
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
'ऐन-ए-हयात से बस एक ही बात मैंने सीखी है साकी,
'ऐन-ए-हयात से बस एक ही बात मैंने सीखी है साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आईना बोला मुझसे
आईना बोला मुझसे
Kanchan Advaita
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
शीर्षक -घर
शीर्षक -घर
Neeraj Agarwal
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
संस्मरण #पिछले पन्ने (11)
Paras Nath Jha
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
खूब लगाओ डुबकियाँ,
खूब लगाओ डुबकियाँ,
sushil sarna
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
Meera Thakur
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
😊मुक्तक😊
😊मुक्तक😊
*प्रणय प्रभात*
Loading...