भारत माता
– भारत माता
15 अगस्त का दिन है आता
बच्चा-बच्चा भी आजादी का पर्व मनाता।
वीरों के बलिदानों पर
शत-शत नमन शीश झुकाता।
पूरा भारत उत्साह उमंग भर
देश भक्ति के जलवे दिखलाता ।
आजादी के खुले गगन में
हर्षित हो मन झंडा फहराता ।
हर चेहरे पर मुस्कान जो दिखती
सम्मान पूर्वक राष्ट्रीय गान गाता ।
जाति धर्म का भेद नहीं कुछ भी
भारत अखंडता का पाठ पढ़ाता ।
हिम्मत ताकत शौर्य साहस संग
ज्ञान -विज्ञान की गाथा गाता।
कला साहित्य के सानिध्य में
धर्म संप्रभुता है यहां यह बतलाता।
मेरा हम सबका भारत है महान बड़ा
विविधता में एकता है अंतर्मन से मन मुस्कुराता ।
डट कर खड़े सरहद पर भारत मां के लाल सदा
सम्मान पूर्वक भारतीय मन सम्मान से शीश झुकता ।
हम बालक इस पावन भूमि के और
यह हमारी भारत माता यह हमारी भारत माता ।।
हम गर्व मन से यह कहते हैं
हम भाग्यशाली हैं जो भारत में रहते हैं ,
साधु संतों की पावन भूमि यह
वीरों की धरा वीरता की कहानी बताता।
अडिग हिमालय शिखर यहां पर शोभित है
निर्मल पावन गंगा यमुना हिंद सागर रहता ।
संस्कारों से पलता है जीवन
निर्मल तन मन बनता मानव मन ।
जहां पत्थर भी पूजे जाते हैं
वनस्पतियों में भी देव निवास बनाते हैं।
पशु पक्षियों मे भी अटूट श्रद्धा रहती
दया दीनता परोपकार भारत में ही रहती है।
समय समय पर कुछ देशद्रोही के आजाने से
धरा बेबस निराश पीड़ित रहती।
मिलकर इन विद्रोही का बहिष्कार करो
भारत मां को इन दुश्मन से आजाद करो।
मर कर पुनः जन्म हो सीमा सदा यही धरा पर जन्मे
दिल की बात सभी के सामने कहती
यह धरा मेरी माता और मैं इसकी बेटी,मैं इसकी बेटी।।
-सीमा गुप्ता, अलवर राजस्थान