भारत माता की जय
“किसी धर्म से मेरा बैर नहीं
पर कुछ बात जरूरी है कहना ,
सच्चाई का जिनको ज्ञान नहीं
जरूरी है उन्हें आइना दिखाना !
हिन्दू मुस्लिम हो या हो सिख ईसाई ,
इस बात का मुझको फर्क नहीं !
जननी की पूजा मत करना ,
किस धर्म ने ऐसी बात कही ?
अरे याद करो वो आज़ादी जो ,
वन्देमातरम और भारत माता की जय ने दिलवाई !
भगत अशफाक और राजगुरु ,
जब चूमे थे फांसी का फंदा !
अंतिम शब्द उनके प्राणो से ,
वन्देमातरम ही था निकला !!
आज़ाद मुल्क में पैदा होके भी ,
तुमको इसका मोल नहीं !
यहाँ की रोटी खा कर भी ,
तुम्हे तिरंगे का मान नहीं !!
धिक्कार है ऐसे लोगो पे भी ,
जो आँख बंद कर बैठे हैं !
पिला रहे हैं दूध साँप को ,
जो समाज में जहर फैलाये रखे हैं !!
भारत में रहके भी जो हर गली में ,
छोटा पाकिस्तान बनाये बैठे हैं !
नामोनिशान मिटा देंगे उनका ,
ये बात शान से कहते हैं !!
या तो अपनी हद में रहके ,
भारत का सम्मान करो !!
यदि नहीं रह सकते अपनी हद में तो ,
भारत की सीमा से पार भगो !!”