भारत माता की जय (गीत)
भारत माता की जय (गीत)
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वन्दनीय है मातृभूमि, भारत माता की जय
(1)
एक नहीं यह नारा केवल ,भारत ही धड़कन है
जुड़ा समूचे भारत-भर में ,इससे सबका मन है
आदिकाल में वेदों ने जिसकी महिमा गाई थी
मन्त्रों ने जिसकी यशगाथा हमको बतलाई थी
उसी धरा का वन्दन करता फिर से आज हृदय
वंदनीय है मातृभूमि , भारत माता की जय
( 2 )
यह भारत है जहाँ विश्व में छह ऋतुएँ आती हैं
यह भारत है जहाँ गीत बहती नदियाँ गाती हैं
यहाँ पेड़ – पौधे – फूलों की हरियाली बिखरी है
यहाँ पर्वतों की शोभा बिखरे हिम से निखरी है
आसमान में अद्भुत है सूरज का अस्त – उदय
वंदनीय है मातृभूमि , भारत माता की जय
(3)
यहीं हुए थे राम-कृष्ण जो बल भारत में भरते
पूजो नेताजी सुभाष अंग्रेजों से जो लड़ते
याद करो वह भगतसिंह फाँसी पर जो थे झूले
एक राष्ट्र को करना है ,व्रत यह पटेल कब भूले
प्रेम विश्व-बन्धुत्व हमारी , साँसों की है लय
वंदनीय है मातृभूमि , भारत माता की जय
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर(उ.प्र.) 9997615451