भारत माँ
भारत माँ को भी आ गयी शर्म
देख कर अपने बच्चों के क्रम
अब नही रही बच्चो को लाज़
कर दिया देश का नाम ख़ाक
जिस थाली में खाया था
उसी थाली में छेद किया
अपने स्वार्थ के लिए
भारत माँ को ही दुश्मन को भेंट किया
अपनी जेब भरने के ख़ातिर
मातृ भूमि को ही बेच दिया
अपने बच्चों के क्रम देख
खुद को शूली पर भेंट किया
सफ़ेद कपड़े डाल कुछ लोगों ने
भारत माँ की शपथ खायी थी
उनके कर्म देख माँ ने भी शूली चढ़
ख़ुद जख्मी हो पीड़ा उठाई थी
सन सतावन के युद्ध में
खुद एक माँ ने लड़ी लड़ाई थी
गोरों से लड़कर उस माँ ने
पीठ नही दिखाई थी
घाव लगे थे सीने में
देश के लिए जान माँ ने गवाई थी
आज अपने बच्चों के क्रम देख
शूलि पर लटक रही हमारी भारत
माई है
भूपेंद्र रावत
14।08।2017